Friday, May 05, 2006

तुम भूल न जाओ उनको

Didn't want to loose it

लता मन्गेश्कर का गाया यह गीत, देशभक्ति गीतों में सबसे परे है. कहते हैं एक बार यह गीत सँसद में सुनाया गया जहाँ प्रधान-मन्त्री नेहरु भी मौजूद थे, और इस गीत को सुनकर वे भी अपने आँसू नहीं रोक सके थे:

ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -२
जो लौट के घर न आये -२

ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद...

जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद...

कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला, हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद...

थी खून से लथ-पथ काया, फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो, कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद...

तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद...

जय हिन्द... जय हिन्द की सेना
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द

(प्रदीप)

4 comments:

Neptune said...

Was going through your blog...you have a very nice collection of poems :)
Check out some that I have collected on poetsdreams.blogspot.com, especially "Autumn Leaves"

Pratik Pandey said...

हिन्दी ब्लॉग जगत् में आपका हार्दिक स्वागत् है। कृपया नए हिन्दी चिट्ठाकारों का स्वागत् पृष्ठ देखना न भूलें।

Sagar Chand Nahar said...

स्वागत सौरभ अर्चना,
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है

Anonymous said...

यह गाना सुन कर तो सचमुच मे रोना आ जाता है.